Spaceship Story 0 जब फंस गए अकेले दुनिया के बाहर

By Vinod Nishad

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Spaceship Story

Spaceship Story: यह कहानी उस समय को दिखाने की कोशिश है, जब इंसान मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने योग एटमॉस्फियर बनाने की तैयारी में है| क्योंकि साइंटिस्ट को पता था इंसान पृथ्वी के नेचर के साथ जिस तरह खिलवाड़ कर रहा है उसे आगे चलकर एक दूसरे ग्रह की तलाश होगी जो था मंगल ग्रह, 20 साल की कड़ी मेहनत के बाद उनका काम खत्म हो चुका था पर अचानक से ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगा मार्स पर ऑक्सीजन का लेवल कम होने से सभी देश अपने अपने रिसोर्सेस साइंटिस्ट की मदद के लिए लगा दिए यह इंसान का पहला मिशन था|

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इंसान की उम्मीद और जीवन नासा के छह साइंटिस्ट के ऊपर डिपेंड था जो साइंटिस्ट थे कमांडर केड, साइंटिस्ट क्वेन बर्ड रोबी चीफ और टेड नाम का एक ट्रांसफॉर्मिंग साइंटिस्ट इन छह लोगों के साथ एक रोबोट भी शामिल है, जो उनके कामों में मदद करेगा| एक सोल्जर की तरह इनका यह सफर कुछ ही समय बाद शुरू होता है, पूरे छ महीनों बाद सभी मार्स के ऑर्बिट में पहुंच चुके थे|

Spaceship Story | जब फंस गए अकेले दुनिया के बाहर

नासा मार्स पर टेबल स्टेशन भी बना चुकी थी जहां 2 साल के लिए ऑक्सीजन पानी और कुछ खाने का इंतजाम भी किया गया था यह मार्स पर लैंडिंग की तैयारी में थे इसी बीच सोलर फ्लेयर यानी तूफान की वजह से शिप का भारी नुकसान हुआ शिप के सारे पावर सोर्स कट हो चुके थे इसलिए कमांडर गेट साइंटिस्ट को तुरंत लैंड करने का आर्डर देती है और खुद शिप को रिपेयर करने के लिए पीछे जाती है| मंगल के ऑर्बिट में पहुंचना बहुत ही मुश्किल था|

मगर काफी मशक्कत के बाद कमांडर उन साइंटिस्ट को मार्स के आर्बिट में पुश कर देती है लेकिन इनकी लैंडिंग इतनी आसान होने वाली नहीं थी| इन्हें बहुत सारे प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा ये मार्स के सरफेस से पहुंचे थे| एक बबल के अंदर इनकी लैंडिंग काफी ऊंचे माउंटेन पर हुई जिससे ये बबल के समान लुड़कते हुए आगे बढ़ रहे थे लेकिन अंत में इनका बबल किसी प्लेन सरफेस पर जाकर रुका इस लैंडिंग में बर्ड को कुछ चोटें भी आए थी|

लेकिन बाकी लोग सुरक्षित थे इधर ये मंगल ग्रह पर पहुंच चुके थे तो दूसरी तरफ ऊपर स्पेस में तूफान की वजह से आग लग गई थी| इस हादसे से कैप्टन बहुत ही डरी हुई थी लेकिन किसी तरह से अपना सूट पहन काफी मशक्कत के बाद स्पेस शिप का दरवाजा खोल दी| जिससे शिप में लगा आग स्पेस में चला गया आखिर में कैप्टन की जान बच पाई बाकी जो कुछ भी प्रॉब्लम थी उसे रिपेयर कर देती है दूसरी ओर मार्स पर उन लोगों को स्टेशन के पास लैंड करना था|

स्टेशन इनसे कितनी दूरी पर था यह भी पता नहीं था

लेकिन यह स्टेशन से काफी दूर लैंड हुए थे स्टेशन इनसे कितनी दूरी पर था यह भी पता नहीं था उन्हें, इसलिए सब से पहले स्टेशन के लोकेशन का पता लगाना है पता लगाने के लिए वहां से निकलने ही वाले थे| मगर लैंडिंग के वक्त बट को काफी चोटें आई थी जिस वजह से वह चलने की हालत में नहीं था वह चाहता था कि यह चारों लोग आगे चले जाएं| वह मार्स पर पहुंच पाया उसके लिए इतना ही काफी था इस तरह चारों लोग उसे वहीं छोड़कर आगे बढ़ते हैं|

इधर यह स्टेशन को खोजने के लिए निकल चुके थे तो दूसरी तरफ स्पेस में कैप्टन स्पेसशिप के पावर को रिस्टोर कर रही थी| काफी मेहनत के बाद वह इस काम में कामयाब हुई वह मास पर गए उन साइंटिस्ट का लोकेशन पता करती है ऐसा करने पर उसे सिर्फ बट दिखाई पड़ रहा था जो चट्टान के पास बैठा था बाकी चार लोगों का कुछ भी पता नहीं था| अभी भी स्टेशन की तलाश में चारों बढ़ रहे थे आगे की तरफ उन्हें पैदल ही काफी लंबा सफर तय करना पड़ा|

आखिर में जब स्टेशन के पास पहुंचे तो वहां के मंजर को देखकर उन्हें निराशा ही हाथ लगी क्योंकि स्टेशन अब बर्बाद हो चुका था| मगर यह कैसे हुआ कुछ भी पता नहीं, समय के साथ मास पर अंधेरा होने लगा लेकिन स्पेसशिप में मौजूद कैप्टन उन चारों को अभी तक ढूढ नहीं पाए थे| अकेले होने की वजह से उसके अंदर घबराहट बढ़ने लगी थी कैप्टन इस सब के बारे में पृथ्वी पर रिपोर्ट देती है कि अब तक उनके साथ क्या-क्या हुआ दूसरी और मास पर उनके पास खाना पानी यहां तक कि ऑक्सीजन भी नहीं था|

20 साल की कड़ी मेहनत खराब हो चुकी थी

सब डिस्ट्रॉय हो चुका था 20 साल की कड़ी मेहनत खराब हो चुकी थी| यहां आने के बाद एनवायरमेंट भी ऐसा नहीं था जैसा इन्होंने सोचा था इनके पास अभी सिर्फ एक घंटा का ऑक्सीजन बचा है| उनमें से दो साइंटिस्ट जो एक अच्छे दोस्त हैं दोनों आपस में बातें करने लगे तो दूसरी तरफ डेड और चीफ बातें करते हुए पहाड़ी के पास पहुंचे वहां का नजारा काफी खूबसूरत था| इस वक्त दोनों के बीच बहस बाजी हो गई कि किस तरह केट पायलट होने के बावजूद सही से लैंडिंग नहीं कर पाया दोनों के बीच का झगड़ा काफी गंभीर रूप ले लेता है|

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इस बीच चीफ का हाथ गलती से टेट पर लग गया टेट का पैर फिसला वह पहाड़ी से जाकर नीचे गिर कर मारा गया| ऐसा होने पर चीफ घबरा जाता है मगर शांति से आकर बाकी लोगों को बताने लगा वह काफी डिप्रेशन में था इसलिए पहाड़ से कूदकर आत्महत्या कर लिया| मगर उन्हें भी पता है वह आत्महत्या करने में से नहीं मरा है

इसलिए उन्हें चीफ की बातों पर भरोसा नहीं हो रहा था धीरे-धीरे एक घंटे के लिए जो ऑक्सीजन बचा था वह भी खत्म हो रहा था| रोबी से यह तड़प बर्दाश्त नहीं हुई इसलिए व अपना हेलमेट खोलता है तभी उन्हें एक ऐसी चीज पता चली जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी हेलमेट निकालने के बाद भी वे सांस ले पा रहे थे|

मगर यह चमत्कार कैसे हुआ किसी को कुछ नहीं मालूम

मगर यह चमत्कार कैसे हुआ किसी को कुछ नहीं मालूम जिसका सच आगे चलकर पता चलेगा, इधर यह लोग बहुत ही खुश थे तो दूसरी तरफ कैप्टन को धरती से मैसेज मिला वे मिशन से वापस लौट आए दूसरी ओर मंगल पर रात होने से ठंड काफी बढ़ चुकी थी| उनके साथ जो रोबोट था अचानक से उन पर हमला करने लगा जिससे कुछ लोग बहुत ही गंभीर रूप से जख्मी हो गए|

रोबोट ऐसा इसलिए कर रहा था क्योंकि लैंडिंग के वक्त उसके सिस्टम में कुछ गड़बड़ी आ गई थी इसलिए वह जिस भी चीज में मूवमेंट देख रहा था हमला कर रहा था उन पर रोबोट की इस तरह आक्रामक होने के बाद वे जान बचाने के लिए किसी जगह छुप गए|

सुबह होने पर रूबी को याद आता है सन 1997 में एक मिशन के तहत इन्होंने मंगल ग्रह पर एक रूवर भेजा था अगर वे रूवर को ढूंढ लिए तो उन्हें वहां से रेडियो मिल सकता है| अगर ऐसा हुआ तो मदद के लिए कांटेक्ट कर सकते हैं इस विरान इलाके में रोवर कहां है इसका भी पता नहीं था उन्हें पर इतना पता था वे इनसे कितनी दूरी पर है| काफी समय पैदल चलने के बाद आखिरकार वे रोवर तक पहुंच गए रेडियो भी मिल गया उन्हें लेकिन उसका 50 सालों से यूज नहीं हुआ था इसलिए वे उसे रिपेयर करना चाहते थे|

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रिपेयर करने के बाद वह सही हो गया बार-बार सिग्नल भेजा गया किस्मत अच्छी थी उसका सिग्नल एक सेटेलाइट पकड़ा इस तरह धरती पर उन लोगों के बारे में पता चला मास पर जिंदा है| वे लोग स्पेसशिप में मौजूद कैप्टन को भी पता चला वो उन चारों से बातें की साइंटिस्ट मंगल ग्रह पर जिस मकसद के लिए आए थे|

वह तो पूरा होने वा नहीं था क्योंकि एक्सपेरिमेंट के लिए जो भी सामान लाए थे सब खराब हो चुका है इनके पास वापस जाने के अलावा दूसरा कोई भी चारा नहीं था| लेकिन उन्हें स्पेसशिप तक पहुंचने के लिए एक मजबूत रॉकेट की जरूरत थी इसलिए कैप्टन बताती है कि जहां पर उनका स्टेशन था वहां से करीब 100 किलोमीटर दूर रसियन प्रॉप सिस्टम है जिसकी मदद से यह मार्स के आर्बिट में खुद को लांच कर सकते थे|

उनके पास सिर्फ 19 घंटे थे

सबसे बड़ी मुसीबत तो यह थी उनके पास सिर्फ 19 घंटे थे खुद को लांच करने के लिए क्योंकि 19 घंटे बाद कैप्टन का स्पेसशिप भी पृथ्वी पर जाने वाला था इनका यह सफर काफी लंबा था| लेकिन आखिरी उम्मीद भी थी इसलिए सभी लोग 100 किमी दूरी तय करने के लिए निकल पड़े सबसे बड़ी प्रॉब्लम तो यह पता चली कि उनमें सिर्फ दो ही लोग बैठ सकते हैं चलते चलते रात हो चुकी थी टेंपरेचर गिर के माइनस में पहुंच चुका था| इस बीच उनका रोबोट छुप-छुप कर उन पर हमला भी कर रहा था थोड़ी दूर चलने के बाद उन्हें किसी तरह से गुफा मिली तीनों बैठकर आराम करने लगे|

रोगी बताता है कि उसमें सिर्फ दो ही लोग बैठ सकते हैं इसलिए उन दोनों को ही जाने को कहता है यह सुनते ही चीफ को उन दोनों पर शक होने लगा| इसलिए वही जाएंगे ऐसा उन्हें लग रहा था थोड़े समय बाद जैसे ही तूफान थमा वैसे ही जो उनके पास रेडियो था वो उसे लेकर भाग जाता है जब दोनों लोग नींद से जागे तो परेशान होने लगे| वहीं क्वीन के सूट पर जो कैमरा लगा था उन्हें अपने स्क्रीन पर दिखाई पड़ रहा था जो रेडियो लेकर भाग रहा है इतने में रोबोट आकर उस पर हमला कर दिया आखिर में मार देता है जान से|

इस तरह दो ही लोग बचे थे उन्हें वहां का डायरेक्शन थोड़ा बहुत पता था इसलिए दोनों लोग आगे बढ़ने लगे थोड़ी देर में वे एक ऐसी जगह पहुंच गए जहां का नजारा बिल्कुल अलग था| चारों तरफ जैसे गार्डन हो हरी भरी घास से भरा था यह देखकर उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था| पूरा मंगल ग्रह बंजर पड़ा है मगर यहां हरियाली कैसे? उन्हें वहीं पर चीफ की डेड बॉडी भी मिली जिसे रोबोट ने मार दिया था| इसका मतलब यह सही डायरेक्शन में जा रहे हैं, जाने से पहले वे चीफ की डेड बॉडी से ऑक्सीजन मार्क्स निकाल लिए ताकि उसका ऑक्सीजन वे यूज कर सके|

चीफ की बॉडी से छोटे-छोटे ब्लास्ट होने लगे

ऑक्सीजन मास्क निकाल ही रहे थे इसी बीच ऐसा नजारा क्रिएट हुआ जिसके बारे में इन्होंने सोचा तक नहीं था चीफ की बॉडी से छोटे-छोटे ब्लास्ट होने लगे ऐसा लग रहा था| जैसे उसके अंदर छोटे-छोटे पटाके फिट किए गए हो जो अब ब्लास्ट हो रहे हैं| यह इसलिए हुआ क्योंकि मंगल ग्रह पर कुछ अजीब तरह के कीड़े मकोड़े थे, यही थे जो मंगल ग्रह के सरफेस के हरियाले को खा रहे थे साइंटिस्ट उन कीड़ों को बड़े ध्यान से देखने लगा| क्योंकि वह डीएनए पर रिसर्च करने वाला एक साइंटिस्ट था उसे समझ में आ चुका था कि मंगल ग्रह पर जो 20 साल पहले सूटेबल एनवायरमेंट तैयार किए थे सारी हरियाली यही इंसेक्ट खा रहे थे|

ऑक्सीजन इन कीड़ों मकोड़ों की अष्ट से तैयार हो रहा था इसी वजह से यह कीड़े फायर के रूप में ब्लास्ट हो रहे थे यही कीड़े इनके लाइप को भी तबाह किए थे यानी हमारे अर्थ के लिए मास पर यही एलियन है| जहां के पेड़ पौधे से जितना ऑक्सीजन प्रोड्यूस नहीं होता है इससे ज्यादा तो इन कीड़े मकोड़ों की वेश से ऑक्सीजन होता है इन्हें यकीन हो चुका था अगर हम इसके बारे में सब कुछ जान जाएं तो मंगल ग्रह को भी पृथ्वी जैसा कर पाएंगे|

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अगर इसमें ये सक्सेसफुल हुए तो ये पृथ्वी को भी पहले जैसा कर पाएंगे पोल्यूशन ना के बराबर होगी वह उन कीड़ों का सैंपल तैयार करके रूबी को देता है इस बीच उसकी हालत खराब होने लगी मुंह से ब्लड निकलने लगा देखते ही देखते सारे इंसेक्ट उसके ऊपर चढ़ने लगे अपने दोस्त को बचाने के लिए वह खुद की जान दे दिया| ऐसा करने पर सारे इंसेक्ट मारे गए अब यहां से रोबी अकेला पड़ चुका था मरने से पहले उसका दोस्त उस इंसेक्ट का सैंपल दे दिया था|

जिसे पृथ्वी पर ले जाकर रिसर्च कर सकते थे| रोबी स्पेस में कैप्टन से कांटेक्ट करता है कैप्टन उसे वहां से आगे बढ़ने की सलाह देती है जहां से वह मास के आर्बिट में जाएंगे तभी पता चला उनके पास इतना पावर नहीं है कि वे लांच हो पाए| इन सब चीजों के बारे में वह कैप्टन को सारी बातें बताया कि यह इंसेक्ट कैसे हैं इस तरह के नुकसान पहुंचा सकते हैं वह चाहता है कि जल्द से जल्द मंगल ग्रह पर किसी को भेजा जाए ताकि उसका सैंपल कलेक्ट कर सके|

थोड़ी देर में कैप्टन के जाने का वक्त हो गया

जिससे उनका अर्थ भी बच सकता है थोड़ी देर में कैप्टन के जाने का वक्त हो गया धरती पर रोबी सब कुछ अपनी आंखों के सामने देख रहा था स्पेसशिप को वहां से जाते हुए वह पूरी तरह से हार मान चुका था जाते वक्त कैप्टन काफी दुखी थी| कि वो अपने साथी को नहीं बचा पाई दूसरी ओर रोवी बैठा था तभी उसके पास रोबोट आया इसी मौके का फायदा उठाकर रोबी उस पर अटैक करके उसका बैटरी निकाल दिया|

तुरंत कैप्टन से कांटेक्ट किया उस बैटरी की मदद से और खुद को लांच करता है सक्सेसफुली रोबी स्पेस में पहुंचकर जब उसकी तरफ बढ़ने लगा तो कैप्टन भी स्पेसशिप से बाहर निकलकर उसे पकड़ने के लिए स्पेस की तरफ निकल पड़ी| काफी मशक्कत के बाद आखिरकार वे रोबी को पकड़कर शिप की तरफ लेकर बढ़ने लगी|

स्पेसशिप में आने के बाद उन्हें पता चला रोबी अभी भी जीवित है वह अपने पास उन इंसेक्ट का सैंपल भी लेकर आया था वे तो बच चुके थे मगर दुख इस बात का था कि उनके के साथी नहीं बच पाए थे| इस तरह वे धरती की तरफ निकल पड़े लेकिन आखिर में उस इंसेक्ट के बारे में पता चला जो काफी मात्रा में ऑक्सीजन प्रोवाइड कर सकता था तो यह थी रेड प्लेनेट की स्टोरी इसी के साथ यह यहीं पर समाप्त होता है|

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Vinod Nishad

मै विनोद निषाद इस ब्लॉग का फाउंडर हूँ| मुझे अलग अलग चीजो के बारे में लिखना और उन्हें आप तक पहूँचाने में रूचि है, मै करीब पिछले एक साल से कंटेंट राइटिंग कर रहा हूँ| मेरे द्वारा लिखा गया कंटेंट आपको कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये|

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