Best Movie: दोस्तों आज मैं आपके सामने एक बहुत ही अलग कांसेप्ट पर बनी मूवी लेकर आया हूं, जिसमें इमोशन भी है प्यार भी है ड्रामा भी है और आखिर में बेहतरीन क्लाइमेक्स भी है| मूवी के अंदर चार अलग-अलग कहानियां हैं जो आपको इस दुनिया के अलग-अलग चार पहलुओं के बारे में बताती है और यही वजह है कि IMDB पर इस मूवी को अच्छी खासी रेटिंग मिली हुई है|
इसलिए इस अलग एक्सपीरियंस के लिए तैयार हो जाइए, तो मूवी की शुरुआत होती है एक डंप यार्ड से जहां पूरे शहर का कचरा फेंका जाता है| उस डंप यार्ड में कुछ बच्चे कचरे में से जरूरी सामान बटोर रहे होते हैं, ताकि उसको बेचकर अपना खर्चा पानी चला सकें| इसी बीच सभी को एक केक मिलता है जिसको किसी ने फेंक दिया था अब वो केक सही कंडीशन में होता है इसलिए सभी उस केक के साथ मिली टोपियो को पहनकर एक दूसरे का बर्थडे मनाने लगते हैं|
Best Movie
इस बीच हम एक लड़के को देखते हैं जिसका नाम मांजा होता है, मांजा से उसके साथ वाली लड़की पूछती है कि तुम्हें केक नहीं खाना तो वह साफ-साफ मना कर देता है| उसकी दिलचस्पी सिर्फ सही सामान ढूंढने में होती है जिसे वह बेच सके इसी बीच उसे एक पिंक पॉलीथिन में एक कार्ड मिलता है|
जिसके अंदर एक लड़की का फोटो होता है और उस पर मिटी नाम लिखा होता है, अब मांजा उस लड़की का फोटो निकालकर अपनी पॉकेट में रख लेता है और बाकी सामान को लेकर घर आ जाता है| घर आने के बाद उसकी मां उससे धोने के लिए शर्ट मांगती है तो मांजा बिना सोचे समझे अपनी शर्ट उनको दे देता है| अब शर्ट धुलने के बाद उसे याद आता है कि उसमें तो लड़की का फोटो था|
इसलिए वोह धुली हुई शर्ट को चेक करता है तो वह फोटो अभी भी उसके पॉकेट में ही होती है, अब वह उस फोटो को निकालकर चुपचाप शीशे के पीछे छुपा देता है यहां से सीन कौशी नाम की एक लड़की पर शिफ्ट होता है, जो मांजा की बस्ती में ही रहा करती थी वो दिल ही दिल में मांजा को पसंद करती थी लेकिन यह सब सिर्फ उसका बचपना था|
क्योंकि उसके ऊपर बॉलीवुड की फालतू मूवीज का असर था, खैर अब आज जब मांजा उसको जाते दिखता है तो वह उसे चाय पीने के लिए देती है| मांजा उस चाय को पीने लगता है तभी कौशी कहती है कि मांजा तुम जब सामान को ढूंढते हो तो उसमें कुछ शैंपू भी तो होते होंगे जो लड़कियां यूज किए बिना ही फेंक देती हैं| इसलिए जब भी तुम्हें कचरे में कोई शैंपू की बोतल मिले तो मेरे लिए ले आना मुझे मेरे बाल बहुत पसंद हैं और यह दिन भर में गंदे हो जाते हैं, शैंपू से ये चमकते रहेंगे|
अगले दिन जब मांजा डंप याट जाता है
अब इस बात का मांजा कोई जवाब तो नहीं देता लेकिन हां में सर हिला देता है, फिर अगले दिन जब मांजा डंप याट जाता है तो उसे फिर से वही पिंक पॉलीथिन मिलती है| इस बार उसको उसमें कुछ काम की चीजें मिलती हैं और कुछ बेकार की चीजें मिलती हैं| काम की चीजों को लेकर वह वापस घर आ जाता है और तभी रास्ते में उसके सामान में कौशी एक शैंपू की बोतल भी देख लेती है|
जिसे देखकर वो सोचती है कि मांजा उसके लिए ही उस बोतल को लेकर आया होगा, अब हालांकि मांजा उससे मना करता है लेकिन वो फिर भी उस बोतल को ले जाती है| फिर अगले दिन मांजा को वो पिंक पॉलीथिन वापस मिल जाती है और इस तरह ये उसका डेली रूटीन बन जाता है| काम की चीजों को रखकर व बाकी बेकार चीजों को वापस उसी पॉलीथिन में डालकर फेंक देता है|
अब एक दिन उसे उस पॉलीथिन में वॉकमैन मिलता है जिसकी कैसेट असल में टूटी हुई होती है, इसलिए मांजा उस कैसेट को फिक्स करने लगता है और वापस उसे वॉकमैन में डालकर सुनने लगता है| लेकिन सुनने से पहले वह अपने लिए एक ईयरफोन का इंतजाम करता है और फिर उस जगह जाता है जहां वह शांति से उस कैसेट के सॉन्ग को सुन सके|
अब वहां पहुंचकर वह जैसे ही कैसेट रन करता है, तो उसे पता चलता है कि कोई लड़की उसमें एक गाना गा रही है जो मांजा को बहुत पसंद आता है| इसके बाद सीन उस लड़की यानी मिटी पर शिफ्ट होता है, जो एक बड़े घर की लड़की थी| हम देखते हैं कि किचन में आइस निकालने के लिए मिटी अपनी रिंग को किचन में ही रखकर छोड़ देती है और अपनी सहेली के साथ बाहर चली जाती है|
दूसरे दिन वो रिंग पॉलीथिन के अंदर मांजा को मिलती है
जिसके बाद मेड आती है और बिना ध्यान दिए किचन वेस्ट के साथ-साथ उस रिंग को भी पिंक पॉलिथीन में डालकर डस्ट बिन में डाल देती है| अब दूसरे दिन वो रिंग पॉलीथिन के अंदर मांजा को मिलती है, जो चुपचाप उस रिंग को वॉकमैन के अंदर हिफाजत से रख देता है और अब उस वॉकमैन को हमेशा अपने पास ही रखता है|
यहां से सीन शिफ्ट होता है, मिठी को रात में अपनी रिंग की याद आती है| जिसके बाद वह अपनी रिंग को इधर-उधर ढूंढने लगती है, लेकिन वो रिंग उसे कहीं नहीं मिलती| वेल अब दूसरे दिन मांजा कचरा गाड़ी के साथ एक कॉलोनी से दूसरी कॉलोनी घूमने लगता है, वो भी यह पता करने के लिए कि आखिर वह पॉलीथिन किस घर से आती है| काफी देर घूमने के बाद मांजा को वो पिंक पॉलीथिन मिल जाती है|
अब यहां पर सवाल पैदा होता है कि यह पॉलीथिन आखिर किस घर से आई है? फिर घर आने ने के बाद मांजा उस रिंग को अच्छी तरह से तैयार करने लगता है| ताकि वह उस रिंग को मीटी को दे सके, अब दूसरे दिन मांजा उसी घर के पास आता है जहां उसे मीटी गमले में पानी देते हुए दिखती है| आज जब पहली बार मांजा मीटी को अपनी आंखों से देखता है तो मांजा किसी और दुनिया में ही खो जाता है|
लेकिन तभी मांजा दोनों को एक-एक झापड़ लगाकर
फिर अगले दिन मांजा का दोस्त वेंकटेश और कौशी उस रिंग को लेकर मांजा को सताने लगते हैं और इस रिंग को देखकर कौशी यह समझती है कि वो रिंग मांजा उसी के लिए लाया है| लेकिन तभी मांजा दोनों को एक-एक झापड़ लगाकर वो रिंग अपने हाथ में ले लेता है, फिर दूसरे दिन मांजा वेंकटेश को अपने साथ लेकर उसी कॉलोनी में वापस जाता है जहां मीटी रहती थी| वो मीटी को वह वॉकमैन और रिंग वापस करने के लिए आया था|
अब काफी देर वेट करने के बाद उसे मीटी घर से बाहर जाते हुए दिखती है, लेकिन वह उसको रोक नहीं पाता| जब मांजा उसके वापस आने पर फिर भी मीटी को वह नहीं दे पाता, तो इस बार वेंकटेश खुद उस वॉकमैन को लेकर आगे बढ़ता है और मीटी को आवाज देता है| लेकिन ईयरफोन लगे होने की वजह से वह उसकी आवाज नहीं सुन पाती, जबकि मांजा को ऐसा लग लगता है कि शायद मीटी कान से बहरी है| इसलिए उसने कान में कोई मशीन लगाई हुई है|
अब दूसरे दिन जब मीटी अपने घर से खाली नारियल को फेंकने के लिए बाहर आती है तो वह देखती है कि मांजा डस्टबिन के पास बैठकर उसे देख रहा है| इस बीच मांजा भी मीटी को देखकर पीछे हटने लगता है और मिटटी भी वापस अपने घर चली जाती है| अब थोड़ी देर बाद मीटी अपनी बड़ी बहन के साथ बाहर घूमने के लिए बीच पर आती है, यहां मीटी की बड़ी बहन का एक छोटा बच्चा भी साथ में होता है|
तो मांजा इन दोनों को फॉलो करते हुए यहां तक आ जाता है, अब इसी वक्त एक अनजान आदमी मीटी की बहन से आकर पूछता है कि आखिर यहां पर टर्टल वॉक कब होगा? तो वह उस आदमी को इसी हिसाब से इंफॉर्मेशन देने लगती है| अब दोस्तों इस अनजान आदमी को याद रखना बाद में यह आपको फिर से देखने को मिलेगा|
इस बीच मीटी की बड़ी बहन यह देखती है कि मांजा उसके बच्चे के वॉकर के पास कुछ कर रहा है? तो यह लोग समझते हैं कि शायद मांजा वहां से कुछ चोरी करने के लिए आया है| लेकिन बाद में पता चलता है कि असल में मांजा कुछ चीज चुराने नहीं आया बल्कि वो तो मीटी का वॉकमैन और उसकी रिंग वापस करने के लिए आया है, जो गलती से डस्ट बिन में पहुंच गई थी| मांजा उस वॉकमैन के साथ-साथ एक कैसेट भी देता है जिसमें उसने मीटी की आवाज की तारीफ की होती है|
अगली बार अपनी रिंग का आप ख्याल रखना
उस कैसेट में वह मीटी से यह भी कहता है कि अगली बार अपनी रिंग का आप ख्याल रखना और जिंदगी में कीमती चीजों को हमेशा संभाल कर रखिए, उनको खुद से जुदा मत कीजिए| फिर अगले दिन से मिटी एक बॉक्स में कुछ चिप्स और बाकी खाने की चीजें रखती हैं और उसे पिंक पॉलीथिन में संभाल कर रख देती हैं| ताकि वो डस्ट बिन से होते हुए डंप तक जाए और वहां से मांजा को मिल जाए|
पॉलिथीन में रखने के बाद वह बाहर खड़े-खड़े कचरा गाड़ी का वेट करती है या यूं कहें मांजा का वेट करती है और इसी के साथ यह कहानी यहां पर पॉज हो जाती है| इसके बाद शुरू होती है दूसरी कहानी जिसका नाम होता है “काका गाड़ी” तो यहां कहानी की शुरुआत होती है मधु नाम की लड़की से जो एक फैशन डिजाइनर है|
हम देखते हैं कि मधु ने हाल ही में बहुत मेहनत करके एक कोट डिजाइन किया है, जिसको बनवाने वाले ने अचानक अपना ऑर्डर कैंसिल कर दिया है| इस इस वजह से मधु बहुत ही अपसेट होती है| इसके बाद कहानी में एंट्री होती है मुरली की जो एक आईटी कंपनी में काम करता है| काम के बीच में वो मीम बनाने का भी काम करता है क्योंकि यह करना उसकी हॉबी होती है|
हम नोटिस करते हैं कि उसको ऑफिस के वक्त चेयर पर बैठने से कोई दिक्कत पेश आ रही है? यानी उसे कोई फिजिकल प्रॉब्लम मालूम होती है जिसके बारे में व किसी को कुछ नहीं बताता| अब एक दिन वो अपने दोस्त की लॉन्ड्री शॉप पर जाता है, जहां उसे वही कोट दिखता है जो मधु ने डिजाइन किया था| अब वो अपने दोस्त से उस कोट को लेकर अपने youtube’s के लड़कों को अपने पास बैठाकर सोशल वीडियो शूट कर रहा होता है| यह दोनों लड़के कोई और नहीं बल्कि मांजा और वेंकटेश ही होते हैं|
खैर शूट होने के बाद मुरली डॉक्टर के पास जाता है
जिसे हमने पहली कहानी में देखे थे, खैर शूट होने के बाद मुरली डॉक्टर के पास जाता है और अपने प्राइवेट पार्ट में हो रहे दर्द के बारे में उससे डिस्कस करता है| डॉक्टर एग्जामिन करके बताता है कि आपको कैंसर है, लेकिन इसमें घबराने की बात नहीं है क्योंकि यह कैंसर क्यूरेबल है और आपकी तो अभी पहली स्टेज ही होगी| यह सुनकर अब मुरली के पैरों तले जमीन खिसक जाती है और वह अपने इमोशंस पर काबू नहीं कर पाता|
वापस आते वक्त मुरली एक ओला कैप को बुक करता है और रास्ते में मैसेज पर अपनी गर्लफ्रेंड को अपनी प्रॉब्लम के बारे में बताने लगता है, पर उसकी गर्लफ्रेंड यह सुनकर कोई ज्यादा रिएक्ट नहीं करती| अब इसी ओला कैप को मधु ने भी शेयरिंग में बुक किया होता है. इसलिए वो भी उसी कैब में आकर बैठ जाती है| फिर जब मुरली उस लॉन्ड्री हाउस के पास उतर कर वो कोट निकालता है, तो मधु देखती है कि यह तो वही कोर्ट है जो उसने डिजाइन किया था|
अब यह देखने के बाद मधु सोचती है कि बनवाने वाले ने तो कैंसिल कर दिया, लेकिन मेरे इस कोट को इस आदमी ने पसंद करके पहन तो लिया| यह सोचकर वह मुरली की तरफ देखती है, हालांकि दोनों में कोई बात नहीं होती| वेल अब दूसरे दिन जब मधु और मुरली उस कैब में होते हैं तो मुरली अपने रिपोर्ट्स को लेकर वापस आ रहा होता है|
तभी वह अपनी गर्लफ्रेंड का मैसेज पढ़ता है जो उससे कहती है कि तुम्हारी इस कंडीशन के साथ हमारी शादी होना मुमकिन नहीं है, क्योंकि पेरेंट्स नहीं मानेंगे यह सुनकर मुरली फौरन कैब को रुकवा देता है और बाहर जाकर रोने लगता है| इस बीच उसे अपनी फिजिकल प्रॉब्लम भी परेशान कर रही होती है, जिसे देखकर मधु को भी थोड़ा अजीब लगता है और थोड़ा अफसोस होता है कि आखिर पता नहीं इसके साथ क्या हुआ है|
मुरली को 2 महीनों के लिए हॉस्पिटल में एडमिट किया जाना था
इसके बाद मुरली को 2 महीनों के लिए हॉस्पिटल में एडमिट किया जाना था, इसलिए अब वह ऑफिस से 2 महीने की मेडिकल लीव ले लेता है| आज लास्ट दिन था, सभी कलीग्स उसके साथ सेल्फी लेते हैं जिसके बाद मुरली वापस कैब में आ जाता है| आज कैब में बैठने पर मुरली सो जाता है और जब उसकी डेस्टिनेशन आती है, तो मधु कैब वाले से कहती है कि थोड़ी देर कार को इधर-उधर घुमा लो क्योंकि यह अभी-अभी सोया है फौरन जाग जाएगा घुमाने के पैसे मैं दे दूंगी|
अब कैब वाला थोड़ी देर कार को इधर-उधर आसपास ही घुमाता रहता है, और तभी मुरली की नींद खुल जाती है| नींद खुलने के बाद उसे पता चलता है कि मधु ने यह सब जानबूझकर करवाया था, क्योंकि उसको लगता था कि मुरली कई दिनों से स्ट्रेस में है और ठीक से सोया नहीं है| इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती हो जाती है और फिर मुरली रोज हॉस्पिटल से वापस आते वक्त कार में मधु से काफी बातें करने लगता है|
इस बीच वो एक दिन अपनी कैंसर वाली बात उसे बता देता है, जिसके बाद मधु उसे काफी हौसला देती है और खुद भी शॉक हो जाती है| फिर एक दिन जब दोनों कैब में होते हैं तो अचानक टायर पंक्चर होने की वजह से वो दोनों कैप से उतर जाते हैं| इसके बाद मधु मुरली को अपने घर कॉफी पर इनवाइट करती है लेकिन मुरली इसके लिए मना कर देता है और कहता है कि कल मैं हॉस्पिटल में एडमिट होने वाला हूं|
क्योंकि मेरा ऑपरेशन है इसलिए यह सुनकर मधु उसको फोर्स नहीं करती| अब ऑपरेशन होने के बाद मधु उससे मिलने आती है और उसे कीमो किट गिफ्ट करती है| कुछ दिनों में धीरे-धीरे मुरली के बाल झड़ने लगते हैं जो अमूमन कीमो के बीच कैंसर पेशेंट्स को होता है| अब पूरा एक महीना निकल जाता है और धीरे-धीरे मुरली के सारे बाल चले जाते हैं|
जबकि मधु रोज उसके पास आकर उसको मोटिवेट करती है और उससे काफी बातें भी करती है| फिर डेढ़ महीना निकलने के बाद मुरली नोटिस करता है कि उसके बाल वापस आने लगे हैं यानी कीमो काम करने लगी है| यह देखकर उसको काफी खुशी मिलती है कि वह अब ठीक होने लगा है, उधर मधु को जब यह बात पता चलती है तो वो चुपके से मुरली के रूम में आती है और कहती है कि क्या तुम मुझसे शादी करोगे|
यह सुनकर मुरली एकदम से शॉक हो जाता है, उसके दिमाग में कुछ नहीं आता लेकिन वो उसको सच बताता है कि भले में कैंसर से ठीक हो रहा हूं लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि मैं कभी पिता नहीं बन सकता| तो मधु कहती है कि मुझे इस बात से कोई दिक्कत नहीं है, इसके बाद मुरली बहुत इमोशनल हो जाता है कि अगर तुम ना होती तो शायद मैं खुद को पहले ही खत्म कर चुका होता, मैं इस ऑपरेशन को करवाने वाला नहीं था|
हमें एक बूढ़ी औरत को दिखाया जाता है
इस तरह इन दोनों की कहानी भी यहीं पर पॉज हो जाती है और फिर शुरू होती है तीसरी कहानी जिसका नाम टर्टल्स है| तो इस कहानी की शुरुआत में हमें एक बूढ़ी औरत को दिखाया जाता है जिसका नाम यशोदा है| यशोदा एक छोटी बच्ची के साथ किसी पार्क में बैठी होती है और वो बच्ची यशोदा को स्लाइड करने के लिए जिद्द कर रही होती है|
बहुत देर तक जिद करने के बाद यशोदा मान जाती है और उस बच्ची के साथ स्लाइड करने लग जाती है| अब यही चीज एक बंदा जिसका नाम प्रकाश होता है वो अपनी दूरबीन से देख लेता है| दोस्तों यह प्रकाश वही बंदा है जिसने पहली कहानी में मीटी की बड़ी बहन से कुछ पूछा था? खैर अब प्रकाश जब यशोदा को देखता है तो उसे पहली नजर में ही उससे प्यार हो जाता है|
अब यशोदा के बारे में बात करें तो फिलहाल यह अपने घर में अकेली रहती है और उसने अपने घर का ऊपर का पोर्शन किसी फैमिली को रेंट पर दे रखा होता है| उसी से यह अपनी जिंदगी गुजार रही होती है, अब एक दिन प्रकाश अपनी डायबिटीज का टेस्ट करवाने के लिए हॉस्पिटल आता है| जहां पर वह यशोदा को देख लेता है यानी कि यशोदा भी अपना टेस्ट करवाने के लिए हॉस्पिटल आई हुई है|
फिर जब टेस्ट खत्म होने के बाद प्रकाश वहां लंच कर रहा होता है, तो यशोदा वहीं प्रकाश के पास आकर उससे पूछती है कि क्या मैं आपकी टेबल पर बैठ सकती हूं| तो प्रकाश यशोदा को वहां पर बैठने की की परमिशन दे देता है| अब इन्हीं बातों ही बातों में वो यशोदा को वो इंसिडेंट बताने लगता है, जिस दिन यशोदा ने पार्क में स्लाइड किया था|
यह सुनते ही यशोदा शर्मा जाती हैं और यहां पर हमें एक और बात पता चलती है, इस दुनिया में यशोदा अकेली है, ना तो उसका कोई हस्बैंड है ना ही कोई बच्चा| जब सारे टेस्ट खत्म होने के बाद प्रकाश अपने घर जा रहा होता है, तो यशोदा प्रकाश को एक कार्ड देते हुए कहती है कि आज टर्टल वॉक है और मुझे कुछ वॉलेट्स चाहिए इसलिए क्या आप अपनी बीवी के साथ आ सकते हो|
तो प्रकाश उसकी बात मान लेता है और आने के लिए हां कर देता है| फिर रात होने के बाद प्रकाश बीच के पास होता है जहां पर सिर्फ यशोदा होती है ऐसा इसलिए क्योंकि मौसम खराब होने की वजह से काफी सारे लोग नहीं आए होते हैं| असल में टर्टल वॉक वो सेशन होता है जब बीच पर आकर कछुए अपने अंडे देते हैं और कुछ लोग उन अंडों को सेव करके रखते हैं|
30 साल पहले ही इसकी बीवी मर चुकी है
ताकि कुछ पक्षी वगैरह अंडों को नुकसान ना पहुंचा दे और जब उन अंडों में से बच्चे निकल आएंगे तो वो लोग उन छोटे-छोटे कछुओं को समुद्र में छोड़ देंगे| अब इसी बीच ये दोनों एक दूसरे से काफी सारी बातें शेयर करते हैं| जहां पर प्रकाश यशोदा को बताता है कि 30 साल पहले ही इसकी बीवी मर चुकी है| इसके बाद इसने दूसरी शादी नहीं की क्योंकि इसे कभी जरूरत महसूस नहीं हुई|
अब यशोदा के बारे में बात करें तो जब यह छोटी बच्ची थी तभी इसके फादर की डेथ हो गई थी, यह बहुत ही मुश्किल से इधर-उधर जॉब करते हुए और अपनी पढ़ाई कंप्लीट करते हुए बड़ी हुई थी| इस बीच यह किसी लड़के से प्यार करने लगी लेकिन उस बंदे ने यशोदा के बारे में अपने घर में शेयर नहीं किया| उस बंदे को अपना प्यार दिखाने के लिए यशोदा ने अभी तक शादी नहीं की|
इसके बाद यशोदा प्रकाश को यह भी बताती है कि उस वक्त से आज तक मैंने अपना चेहरा शीशे में नहीं देखा, क्योंकि सजने सवरने का इंटरेस्ट ही चला गया| खैर अब इन दोनों की बातों में सुबह हो जाती है और प्रकाश को यह टर्टल वॉक का काम करके बहुत अच्छा लगता है| तभी प्रकाश की नजर एक कपल पर पड़ती है जो आपस में किस कर रहे होते हैं|
यह देखकर प्रकाश यशोदा से क्वेश्चन करता है कि क्या उन लोगों को नहीं पता कि हम यहां खड़े हैं? आखिर थोड़ी शर्म तो करें क्या उन लोगों को हम सीनियर सिटीजंस नजर नहीं आते| तो यशोदा कहती है कि प्रकाश जी उनके नजरिए में हमारा होना भी ना होने के बराबर है और सब ऐसे ही आजकल सीनियर सिटीजंस को इग्नोर करते हैं| यह सुनकर प्रकाश कहता है कि इसका मतलब अगर मैं अभी आपको इस तरह से किस करूं तो क्या हम उनको नजर नहीं आएंगे|
अब यह सुनने के बाद अचानक यशोदा को बहुत गुस्सा आता है| तो वह प्रकाश से कहती है कि प्लीज मेंटेन सम डिग्निटी और ऐसा कहकर वो वहां से चली जाती है| जबकि उसके जाते-जाते प्रकाश सोच रहा होता है कि शायद मैंने उसका दिल दुखा दिया, क्योंकि वो उस सवाल को सिर्फ सवाल की तरह ही पूछ रहा था| अब यशोदा घर जाने के लिए एक ऑटो पकड़ती है, लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद वह ऑटो रुक जाता है|
क्योंकि उस ऑटो रिक्शा में कुछ प्रॉब्लम होती है, यह देखने के बाद प्रकाश फौरन यशोदा के पास आकर उसके हाथ में चाय थमाता है| अब यशोदा चाय तो ले लेती है लेकिन प्रकाश को कोई जवाब नहीं देती पर तभी जाते-जाते यशोदा प्रकाश से कहती है आज शाम आप मुझे पार्क में मिलेंगे| तो प्रकाश इसके लिए हां कर देता है फिर शाम को यशोदा इतने सालों बाद पार्क में प्रकाश से मिलने के लिए खुद को तैयार करती है|
लेकिन जैसे ही वह अपने घर से बाहर जा रही होती है, तो उसका पैर फिसल जाता है और वो नीचे गिर जाती है| इसके बाद यशोदा बहुत देर तक तड़पती रहती है और किसी तरह अपने फोन के पास जाकर हॉस्पिटल में कॉल करती है| उधर पार्क में ना आने की वजह से प्रकाश हॉस्पिटल जाता है और यशोदा का पता करता है| लेकिन हॉस्पिटल वालों के पास यशोदा का एड्रेस नहीं होता, इसलिए घर आने के बाद प्रकाश अपनी दूरबीन लेकर वापस पार्क की तरफ देखता रहता है|
इधर यशोदा बिस्तर पर पड़ी रहती है और बाहर नहीं जा पाती| उसके पास प्रकाश का नंबर भी नहीं होता, ताकि वह उससे बात कर सके| ऊपर से डॉक्टर उसे 6 महीने के लिए रेस्ट करने के लिए कहता है, इस तरफ बेचारा प्रकाश गली-गली यशोदा की तलाश में लग जाता है| लेकिन यशोदा कहीं पर भी नजर नहीं आती जबकि दूसरी तरफ यशोदा खुद को जल्द से जल्द रिकवर करने के लिए कोशिश करने लगती है|
एक दिन यशोदा की केयरटेकर नर्स उसको व्हील चेयर पर बिठाकर पार्क की तरफ लाती है| जहां पर यशोदा प्रकाश को देखती हैं, अब जैसा मैंने पहले कहा था कि प्रकाश को डायबिटीज थी और ऊपर से प्रकाश कड़ी धूप में बैठा हुआ था| तो इस वजह से उसको यशोदा नहीं दिखती, जबकि वो सोचती है कि प्रकाश ने उसको देखकर इग्नोर कर दिया| यह देखकर वह बेचारी अपना दिल छोटा करते हुए वहां से वापस चली आती है|
लेकिन जब प्रकाश यशोदा की तलाश में लगा रहता है, तो उसको वो ऑटो वाला नजर आता है जो उस दिन यशोदा को उसके घर छोड़ने गया था| अब प्रकाश उस आटो वाले से बात करता है और यशोदा के घर तक पहुंचने के लिए लिए कहता है| वो ऑटो वाला प्रकाश को यशोदा के घर छोड़ देता है, जिसके बाद प्रकाश वहां देखता है कि यशोदा घायल है और बेड पर पड़ी हुई है| यह देखकर बेचारे के होश उड़ जाते हैं और यशोदा जो कुछ भी हुआ वो प्रकाश को बताती है|
अब यशोदा की तकलीफ सुनने के बाद प्रकाश उससे कहता है कि यशोदा प्लीज मुझे एक चांस दो तुम्हारी देखभाल करने के लिए, लेकिन यशोदा कहती है कि नहीं प्रकाश मुझे ऐसे ही रहने दो मैं किसी के ऊपर बोझ नहीं बनना चाहती| तो प्रकाश कहता है कि अरे मैं कोई एहसान नहीं कर रहा तुम इसके बदले मेरे लिए एक छोटा सा फेवर कर देना|
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क्योंकि इतनी डिग्निटी से तो कोई भी किस नहीं करता यह देखकर यशोदा शर्माने लगती है और फिर वह दोनों एक दूसरे के साथ रहने का फैसला कर लेते हैं| जिसके बाद प्रकाश यशोदा को अपनी गोद में उठाकर उस घर से बाहर ले जाता है और अपने घर पर ले आता है| इस तरह से यह दोनों अपनी जिंदगी कंटिन्यू करते हैं और यहां पर यह कहानी पॉज हो जाती है|