Jail to Jungle | जेल से जंगल में भागे कैदी, अपने ही साथियों के साथ किया ये काण्ड

By Vinod Nishad

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Jail to Jungle

Jail to Jungle: यह सच्ची कहानी उन आठ कैदियों की है जिन्हें अंग्रेजों द्वारा एक आइलैंड पर जबरदस्ती काम करवाने के लिए ले जाया गया| जहां इन्हीं की तरफ बहुत सारे कैदियों को लाया गया है पर एक दिन एक ऐसा समय आया जब यह सभी के सभी इस आइलैंड से भागने का फैसला किए| यह भाग तो गए पर जंगल में पहुंचकर इनके साथ ऐसा कुछ हुआ जिससे यह लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं|

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जिस तरह इंडिया सहित यूरोप के कई सारे देशों में अंग्रेजों ने लगभग 200 साल तक राज किया था| सेम इसी तरह सन 1822 के टाइम इनकी हुकूमत ऑस्ट्रेलिया में भी थी, ऑस्ट्रेलिया का एक प्लेस है तस्मानिया जहां एक होवार्ड नाम का कस्बा था| यहां पर भी उस समय ब्रिटिश हुकूमत थी, वहां की जमीन लोगों के लिए किसी नर्क से कम नहीं थी जो भी इन अंग्रेजों के खिलाफ जाता था या इनकी बातें नहीं मानता तो उसे सजा के तौर पर जेल में डाल दिया जाता|

Jail to Jungle | जेल से जंगल में भागे कैदी, अपने ही साथियों के साथ किया ये काण्ड

उस समय इनका जिस भी इलाके में कब्जा होता था इनके विरुद्ध जाने वाले जितने भी लोगों को कैदी बनाया जाता| उनमें से ये यदि कोई जेल से भागना भी चाहे तो भी नहीं भाग सकता था क्योंकि उस टाइम जितने भी कैदी भागने की कोशिश करते अगर उनमें से कोई गलती से भी पकड़ा गया तो उसे पूरे पब्लिक के सामने फांसी की सजा दे दी जाती थी|

इसलिए कोई अकेला कैदी भागने के बारे में भी नहीं सोच पाता था पर उसी हावर्ड जेल में एक ऐसा कैदी था जो खुद वहां से भागा ही नहीं बल्कि अपने पांच और साथियों को ले गया|| पर इनके भागने की 3 महीने बाद उसी जेल में तीन लोग अलेक्जेंडर पियरसन नामक बंदे से मिलने आए हैं जब ये तीनों उसके सेल में पहुंचे तो देखने को मिला कि उसकी हालत बहुत खराब है, इन्हें लगा शायद वह मर चुका है|

वहां से जाने वाले थे कि अलेक्जेंडर पियरसन उठ खड़ा हुआ पर वह वहां से एक भी कदम आगे नहीं बढ़ सकता वह जिस काल कोठरी में है वहां उसके हाथ पांव में जंजीरें थी| ये जो तीन लोग मिलने आए थे उनमें से एक पादरी है वह पियरसन से जानना चाहता है कि वह यहां पहुंचा कैसे? इस तरह पियरसन सारी सच्चाई बताना शुरू करता है| कि आज से लगभग 2 साल पहले सन 1822 में कैद किया गया सजा के तौर पर इसे सरा आइलैंड पर ले जाया गया|

जहां इसी की तरह बहुत सारे कैदी थे इस आइलैंड पर लाकर इन्हें सजा के तौर पर काम कराया जाता था कुछ दिन काम करने के बाद उन्हें अंग्रेजों की सच्चाई पता चली जहां उसे देखने को मिला| यहां जो कमजोर कैदी थे जो ज्यादा समय तक काम नहीं कर पाते थे उन्हें कोड़ों से मारा जाता था पर उनकी सजा दर्दनाक तब होती थी जब उन्हें लगता था कि यह कैदी इस आइलैंड से भागने के लिए ऐसा कर रहे हैं|

इसलिए समय-समय पर सभी कैदियों को अलर्ट किया जाता था कि यह एक आइलैंड है यहां से भागने के बारे में भी मत सोचना अगर चाहते हो कि हम भी तुम लोगों का हाल इन्हीं की तरह ना करें तो जुबान बंद करके सिर्फ काम करो| पियरसन भी बाकी कैदियों की तरह उनके जुल्म को सहता गया उनसे ओवर टाइम काम करवाया जाता खाने के लिए भी सही से नहीं दिया जाता था|

कैदियों पर कुछ ज्यादा ही जुल्म बढ़ गया

पर फिर भी ये इनके कहे अनुसार चीजें करने पर मजबूर थे जब इनका कैदियों पर कुछ ज्यादा ही जुल्म बढ़ गया तो छह लोगों का गुप प्लान किया कि अब हम ज्यादा समय तक यहां नहीं रहेंगे| हमें यहां से भागना होगा इन छह लोगों में पियरसन भी शामिल था एक दिन वह समय भी आया जब यह यहां से भाग सकते हैं हर रोज की तरह इन्हें एक बार फिर जंगल में ले जाया गया लकड़ी काटने के लिए पर सौभाग्य वश उस टाइम सिर्फ एक ही अंग्रेज उन पर नजर रख रहा था| यह मौका पाकर उस पर हमला कर दिए उसे तब तक मारते रहे जब तक कि उसकी डेथ नहीं हो गई|

फाइनली इन्हें मौका मिल गया इस आइलैंड से भागने का उनमें से कुछ लोगों ने तो बोट से जाने का फैसला किया पर इन छह लोगों के अलावा बाकी जो भी कैदी थे वे भी कहने लगे कि हमें भी अपने साथ ले चलो पर यह छोटी नाव से एक साथ नहीं जा सकते थे| इसलिए इन्होंने डिसीजन लिया हमें जंगल के ही रास्ते आगे बढ़ना चाहिए| ये जो भी चीजें अलेक्जेंडर पियर्सन के साथ चल रही है यह सारी बातें वह पादरी को बता रहा है|

पादरी पूछता है कि इसके बाद क्या हुआ तो पियरसन बताते हैं हम सभी नाव की बजाय जंगल के रास्ते आगे बढ़ने का फैसला किए| ये इसी तरह अगले चार दिनों तक जंगल में चलते गए रात को जहां पर भी रुकने के लिए सुरक्षित जगह मिल जाती आग जलाकर रुका जाता| सुबह होने पर फिर से वही प्रोसेस शुरू होता था इस टाइम इनके ग्रुप में लगभग आठ लोग थे इसी वजह से इन्हें दोबारा से पकड़े जाने का जरा भी डर नहीं है|

इन्होंने तो सोच लिया है अगर बीच रास्ते में कोई भी आया तो हम उन्हें खत्म कर देंगे| फाइनली ये इसी तरह आगे चलते गए इस जंगल के सफर में इन्हें काफी चीजों की जरूरत पड़ने वाली थी इसलिए आने से पहले नाव पर कुछ जरूरत के सामान थे जिसे यह ले लिए हैं| इन्हें इस टाइम कहां जाना है इसका तो कुछ पता नहीं बस यह चलते जा रहे हैं|

अगर दोबारा से हम वहां गए तो हम पकड़े जाएंगे

प्लान तो हावड कस्बे में ही जाना था पर इन्हें पता है अगर दोबारा से हम वहां गए तो हम पकड़े जाएंगे इसीलिए अभी यही सोचा गया कि जो भी हो पहले हमें इनसे दूर जाना होगा| फिर आगे सोचेंगे कि कहां जाया जाए पर यहां इनकी सबसे बड़ी प्रॉब्लम तो यह है इन्हें सही डायरेक्शन का भी पता नहीं उनमें से कुछ लोगों को इस बात पर भी डाउट है हम सुरक्षित दिशा में जा भी रहे हैं या फिर नहीं क्योंकि अगर यह गलती से भी ब्रिटिशर्स के नजर में आए तो यह दोबारा से पकड़े जाएंगे|

पर आठ दिनों बाद भी इनके सामने ऐसी कोई भी प्रॉब्लम नहीं आई जिसे लेकर यह परेशान हो रहे थे फाइनली अभी भी सारी चीजें नॉर्मल है| यह कभी जंगल को पार करके खाली मैदान में पहुंचते थे तो कभी वापस से आ जाते थे जंगल में रात गुजारने के लिए जहां भी सेफ जगह मिलता आग जलाकर रुक जाया करते थे| नौवें दिन की सुबह की शुरुआत के टाइम इन्होंने पाया इनके पास जो भी जरूरत के सामान थे खत्म हो चुके हैं सभी को जोरों की भूख लग रही है|

Jail to Jungle

अब तक यह जंगल के बाहर आ चुके थे, उनमें से दो भूख प्यास से इतने थक चुके हैं कि अब उनका चलना भी मुश्किल है मगर पियरसन उन्हें बार-बार कहता है कि जल्दी चलो अगर रुके तो पकड़े जाओगे थोड़ा और चलो हम जल्दी जंगल में पहुंच जाएंग, वहां खाने के लिए कुछ ना कुछ मिल जाएगा| इतना सब जानकर पादरी वापस से पूछता है क्या तुम्हें जंगल वापस से मिला या फिर नहीं? पादरी को बताया गया उस दिन तो जंगल नहीं मिला|

हमें उन पहाड़ी पठारी एरिया में ही रात गुजारना पड़ा फाइनली सुबह हुआ हम सभी वापस से चलने लगे, जैसा कि पिछली रात भी उन्हें खाने के लिए कुछ नहीं मिला था इसलिए अगले दिन की सुबह से सिचुएशन पहले दिन से भी ज्यादा खराब हो गई| अब तक तो दो लोग थके हारे थे पर अगले दिन उनमें दो और शामिल हो गया जहां पियरसन अपने बाकी तीन साथियों के साथ-साथ आगे-आगे चल रहे हैं तो उसके विपरीत बाकी चार लोग अभी भी पीछे हैं|

हम में से किसी एक को मरना होगा

इतने खराब सिचुएशन को देख उनमें से एक कहने लगा कि हम ऐसे ज्यादा समय तक नहीं चल पाएंगे अगर हमें आगे बढ़ना है तो कुछ खाने के लिए चाहिए होगा पर यहां ऐसा कुछ नहीं है जो इनकी भूख मिटा सके| पर इनकी ये सारी बातें एक ही तरफ इशारा कर रही थी कि हम में से किसी एक को मरना होगा ताकि उसका मांस खाकर बाकी लोग जीवित रह सकें|

पियरसन यह बात जैसे ही पादरी को बताई पादरी उस पर गुस्सा हो उठा कहने लगा कि तुम लोगों ने ऐसा सोचा भी कैसे? हमारे रिलीजन में ऐसा सोचना भी पाप है मगर पादरी को उम्मीद है पियरसन ऐसा कुछ नहीं किया होगा| आगे पूछता है कि उसके बाद तुम लोगों ने क्या सोचा पियरसन आगे बताते हैं कि उस टाइम हमने तो ऐसा कुछ भी नहीं किया मैंने बाकी लोगों को समझाया भी कि हम खुद जीवित रहने के लिए किसी दूसरे की जान नहीं ले सकते हैं उस टाइम सभी लोग तो ऐसे रिएक्ट किए मानो जैसे ये ऐसा कुछ नहीं करेंगे|

पर उसी रात जब सभी लोग सो गए तो पियरसन देखता है कि आधी रात दो लोग नींद से उठे उनके हाथ में कुल्हाड़ी थी दोनों पलक झपकते ही एक बंदे पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिए| उस बंदे की वहीं डेथ हो गई वह उस टाइम सो रहा था उसे पता भी नहीं चला होगा, यह सब होता हुआ| पियरसन भी देख रहा है पर वह कुछ नहीं किया क्योंकि कहीं ना कहीं उसे भी पता है अगर वह इन्हें ऐसा करने से रोक भी ले तो आगे चलकर यह एक-एक करके वैसे ही मारे जाएंगे|

इतना सुनने के बाद पादरी के अंदर जरा भी हिम्मत नहीं थी

इस तरह यह उस बंदे का मांस पकाकर भूख मिटाएं पियरसन पादरी को आगे बताते हैं उस टाइम जो कुछ भी मेरे सामने हो रहा था सब गलत था पर मैं भी कुछ नहीं कर सकता था उन्हें ऐसा करते देखने के सिवाय| इतना सुनने के बाद पादरी के अंदर जरा भी हिम्मत नहीं थी कि इन्होंने आगे क्या किया जरा भी सुन सके| इस तरह आगे की स्टोरी जाने बगैर पादरी वहां से चला गया अलेक्जेंडर पियरसन के बारे में अब तक जो कुछ भी पता चला था वह सारी बातें जाकर मास्टर को बताया|

जब मास्टर ने उसकी यह बातें सुनी तो उन्हें पियरसन की स्टोरी काफी अलग लगी वे उसी टाइम डिसीजन लिए कि इस पर हमें एक बुक लिखनी चाहिए पर बुक लिखने से पहले उन्हें पूरी स्टोरी जाननी होगी| इसलिए पादरी से कहा गया कि तुम वापस से पियरसन के पास जाओ और फिर पूछो कि जंगल में जाकर उसके बाद उनके साथ क्या हुआ| इस तरह पादरी वापस जेल में आया पूछने पर पियर्सन आगे की स्टोरी बताना शुरू किया| बताता है कि उस दिन अपने एक साथी को मारकर हम अपना भूख पूरी तरह से मिटा लिए थे|

सुबह होने पर हमें पूरी एनर्जी थी बाकी बचे सात लोग वापस से चलना शुरू किए हैं फाइनली पूरे दिन के सफर के बाद यह काफी ऊंचे प्लेस पर पहुंचे हैं जो वहां की सबसे छोटी पहाड़ी थी| उसके बाद कई सारी ऊंची ऊंची पहाड़ियां हैं यह पहाड़ी जंगल से घिरी थी यानी इनके आगे का सफर और भी मुश्किल होगा| रात भी होने वाली थी इसलिए रात उसी पहाड़ी पर रुके रहे|  सुबह होने पर यह वापस से चलने का फैसला किए यह आगे भी सरवाइव करने के लिए इस तरह की हैवानियत पर उतर आए थे| जिसके बारे में कोई सपने में भी कल्पना नहीं कर सकता था|

पिछले सफर में इन्होंने जिस बंदे को मारा था अभी भी उसके कई बॉडी पार्ट इनके पास ही थे ताकि अगर दोबारा से भूख लगे तो उसके मांस को पका करर खा सकें| पियरसन पादरी को आगे बताता है हम ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते थे पर ना चाहकर भी हमें शैतानों वाली हरकतें करनी पड़ रही थी वे उसी डेड बॉडी की हेल्प से अगले तीन से चार दिनों तक सरवाइव किए हैं| आगे जब इनका फूड सोर्स खत्म हो गया तो अगले कई दिनों तक यह भूख को कंट्रोल रखें पर जब चीजें इनके कंट्रोल से बाहर जाने लगी तो उनमें से कुछ लोग वापस से किसी एक बंदे को मारने को सोचने लगे|

दोबारा से हमारे किसी साथी के साथ ऐसा हो

पर पियरसन इस बार जरा भी नहीं चाहता कि दोबारा से हमारे किसी साथी के साथ ऐसा हो पर जो दो लोग ऐसा करने का प्लान बना रहे थे| वे किसी के परमिशन के बगैर ही एक बंदे पर हमला कर दिए पर यह सब जो भी हो सब कुछ हो रहा था| पियरसन की आंखों के सामने वह अपनी तरफ से उन्हें रोकना भी चाहा पर वह हर बार खुद को ही रोक लेता था| क्योंकि उसे भी पता था यह लोग ऐसा जानबूझकर नहीं कर रहे हैं क्योंकि अब तक पूरे एक महीने कंप्लीट होने वाले थे अगर यह ऐसे ही चलते रहे तो इनका मरना निश्चित था|

आगे के सफर में जो भी बंदा कमजोर पड़ता ये उसे जान से मार देते हैं और फिर उसी के मांस को खाकर जीवित रहते हैं अब तक पूरे तीन लोग मारे जा चुके थे| तीन लोगों के मरने के बाद पियरसन ने भी सोच लिया अगर ऐसा ही चलता रहा तो उसकी भी बारी आएगी तब वह खुद को मरने से नहीं रोक पाएगा| इसी तरह से चीजें चलती रही दिन ढलते गए ये अपने ही साथी को मारकर खाते चले 45 दिन के अंदर ही पूरे पांच लोग मारे जा चुके थे पादरी जैसे-जैसे पियरसन का सच जान रहा था उसे डाउट होने लगा कहीं यह झूठी मठी कहानी तो नहीं बना रहा|

क्योंकि उसका कहना था हमारे लोग जानबूझकर किसी इंसान को चोट तक नहीं पहुंचाते फिर तुम लोगों ने इतनी बड़ी हैवानियत को अंजाम दिया कैसे? मगर पियरसन की तरफ से एक ही जवाब था उस समय की परिस्थिति ही कुछ इसी तरह थी, हमारे लोग चाह कर भी अपने आप को नहीं रोक पा रहे थे पियरसन आगे बताते हैं आखिर में जब हम तीन लोग बचे तो हम लोगों ने फैसला किया कि चाहे जो भी हो जाए हम एक दूसरे को नहीं मारेंगे|

क्योंकि अगर तीन में सिर्फ दो बचे तो हमारा आगे चलकर सरवाइव करना मुश्किल होगा आगे चलकर कुछ हद तक चीजें ऐसे ही हुई जब इनका फ़ूड सोर्स पूरी तरह से खत्म हो गया| तो वे अगले तीन दिनों तक भूखे ही रहे पर एक दूसरे पर बिल्कुल हमला नहीं किए ये इसी तरह जंगल पहाड़ी झरने नदी तथा घाटियों को पार करते हुए आगे बढ़ते रहे| पर ये जिस मंजिल की तलाश में भटक रहे थे उसका दूर तक कोई नामो निशान नहीं है दूर-दूर तक एक भी इंसानी बस्ती नहीं दिख रही|

अब तक आइलैंड से भागे हुए 50 दिन से ज्यादा कंप्लीट हो चुके थे

इस बीते सफर के दौरान तीन में से एक बंदे के पैर में काफी गंभीर चोट आ गई उसका चलना भी मुश्किल हो रहा था पर यह उसे इस तरह छोड़े नहीं, खुद उसकी मदद करके अपने साथ लेकर चल रहे हैं अब तक आइलैंड से भागे हुए 50 दिन से ज्यादा कंप्लीट हो चुके थे पर तीसरे बंदे की हेल्थ लगातार खराब हो रही है|

रात को जब यह जंगल में रुके थे तो पियरसन तथा उसका साथी फैसला किया कि अब और ज्यादा समय तक हम इसे लेकर नहीं चल पाएंगे सही यही होगा आज रात ही इसे मार दें| पादरी ने यह बात जैसे ही सुनी पियरसन पर गुस्सा हो उठा कि तुम तीनों कुछ दिन पहले ही वादा किए थे कि अब एक दूसरे को नहीं मारोगे फिर तुमने ऐसा क्यों किया|

पियरसन बताते हैं कि हम क्या कर सकते थे वह बिल्कुल कमजोर हो चुका था हम चाहकर भी उसे अपने साथ नहीं ले जा सकते थे| इसलिए हमें उस रात उसे मारना पड़ा इस तरह आगे की स्टोरी बताई जाती है अंत में जब हम सिर्फ दो लोग बचे तो हम पहले से भी जल्दी-जल्दी आगे बढ़ने लगे घने जंगल को पार किए बीच सफर में बड़े-बड़े झरने भी दिखे| जहां से पीने के लिए पानी ले लिया था पर उस दिन थोड़े भी समय रुके नहीं आगे चलते रहे झरने को पार करके फाइनली हम वापस से जंगल में पहुंच गए|

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उस रात वे जिस जंगल में रुके थे वह जंगल अब तक का सबसे घना जंगल था जहां छोटे-मोटे परिंदों का भी नामो निशान नहीं था| इसी तरह यह दोनों आगे भी लगभग चार दिनों तक चलते रहे 4 दिन बाद जब इनका फूड सोर्स वापस से खत्म हुआ तो शाम के टाइम चलने के दौरान पियरसन लड़खड़ा कर जमीन पर गिर पड़ा| ऐसा होते ही पियरसन दोबारा से उठ खड़ा हुआ क्योंकि वह ऐसा जरा भी महसूस होने नहीं देना चाहता कि अब वह नहीं चल सकता|

क्योंकि उसे अपने दूसरे साथी पर जरा भी भरोसा नहीं था उसे पता है अगर वह जरा भी कमजोर पड़ा तो वह उसे भी मार देगा| फाइनली आज का दिन भी खत्म हुआ रात को जब दोनों लोग सोने लगे तो पियरसन को नींद ही नहीं आ रही थी| उसके मन में तरह-तरह के सवाल चल रहे थे सोच रहा था|

कि अगर वह गलती से सो गया तो कहीं उसका दूसरा साथी उसे मार ना दे? पर वह ऐसा कुछ करता| पियरसन खुद उसे मारने का फैसला किया जैसे तैसे एक बड़े से हथियार के साथ उसके पास पहुंचा पर उसे डर है अगर हमला करने से पहले वह नींद से जाग गया तो वह मुझे ही मार देगा|

फाइनली ऐसा हुआ भी पर वह पियरसन को मार पाता दोनों के बीच के हाथापाई के दौरान वह बंदा ही मारा गया, वह अपने आखिरी साथी को मारकर इस तरह आखिरी रात भी गुजर गई| सुबह हुआ वह कुछ सूखी लकड़ियों को इकट्ठा किया आग जलाई और फिर उस बंदे के ही डेड बॉडी से कुछ मांस के टुकड़े निकाले जिसे पकाकर खाने लगा मांस को पकाकर खा ही रहा था तभी उसे लगा कि उसके आसपास कोई और भी है पीछे मुड़कर देखा तो सच में कोई है|

उसके भेष भूषा से देखकर तो यही लग रहा था यह यहां के आदिवासी हैं जो शायद यही रहते हैं इसी जंगल में उसके पास हथियार था| पियरसन ने उस पर हमला करने की कोशिश की पर रुक गया वह आदिवासी जिस हालत में पियरसन को देखा था| उसे लगा शायद यह दरिंदा है जो इंसान का मांस खाते हैं वह उसे वहीं छोड़कर नौ दो ग्यारह हो गया| फाइनली उस दिन पियर्सन वहीं पर रुका रहा अपने सभी लोगों को खोने के बाद वह इतना टूट गया कि अब वह खुद जीवित नहीं रहना चाहता|

वह पेड़ में रस्सी बांधकर खुद फांसी लगाने लगा

शाम के वक्त वह पेड़ में रस्सी बांधकर खुद फांसी लगाने लगा मगर वह खुद की जान नहीं ले सका इतना सब कुछ जानने के बाद पादरी पूछता है कि इसके बाद क्या हुआ? पियरसन बताते हैं कि इसके बाद क्या होने वाला था रात को वहीं पर रुका सुबह होने पर वापस से जंगल में भटकने लगा| थोड़ी देर बाद उसे काफी सारा धुआ उड़ता हुआ दिखा जब वह उस लोकेशन पर पहुंचा तो देखता है कि यह जगह किसी शमशान की तरह है जहां लोगों की डेड बॉडी जलाई जाती है|

यह सब देखकर उसे इतना तो पता चल चुका है इस एरिया में जरूर लोग रहते हैं अब तक उनके आइलैंड से भागे हुए 3 महीने कंप्लीट हो चुके थे| पियरसन इंसानी बस्ती की तलाश में जंगल से बाहर भी आ चुका है पर उसे यह कहां पता कि ब्रिटिशर्स उन्हें खोजना बंद नहीं किए हैं, पिछले 3 महीने से खोज रहे हैं| उन्हें ही अंग्रेजों ने जंगल के चप्पे-चप्पे पर उन्हें खोजा पर उन भागे हुए आठ लोगों का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है पर उन्हें अभी भी भरोसा है वे जितने भी दूर भाग लें अंत में वे पकड़े ही जाएंगे| क्योंकि अब तक अंग्रेज पूरे तस्मानिया पर कब्जा कर चुके थे|

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शाम को उन्हें खबर मिली कि एक आदिवासी ने उनमें से एक बंदे को जंगल में देखा है फाइनली ब्रिटिशर्स जब वहां पहुंचे तो पियरसन आसानी से पकड़ा गया उसके भागने की सजा के तौर पर कोड़े बरसाए गए, फंसी की सजा भी सुनाई गई| पर उसे सजा मिल पाती वह वापस से जेल से भाग निकला पर जब दूसरी बार आयरलैंड से भागा था तो उसने कई सारे ब्रिटिश सिपाहियों को भी मारा था इसलिए उनका गवर्नर फैसला किया कि अब चाहे जो भी हो जाए पियरसन को खोज निकालो हम उसे फांसी की सजा देकर रहेंगे|

फाइनली पियरसन को ढूंढने के लिए लंबे समय तक खोज चली जहां पियरसन पकड़ा गया जिसे होवार्ड जेल में कैद किया गया| जहां से वह यह सारी बातें पादरी को बता रहा है फाइनली समय आ चुका था 19 जुलाई सन 1824 का जिस दिन लोगों के सामने उसे फांसी दी जाने वाली थी| इस तरह कस्बे के बीच पूरी पब्लिक के सामने उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया|

इस तरह कुछ ही क्षणों में अलेक्जेंडर पियरसन की मृत्यु हो गई पर जिस वर्ष अलेक्जेंडर पियरसन को फांसी पर लटकाया गया था| उसी वर्ष छह और कैदी उस सी आइलैंड से भाग निकले थे पर जंगल में पहुंचकर जो उनके साथ हुआ वह सिचुएशन पियरसन के साथियों की सिचुएशन से बिल्कुल अलग थी| जिसके बारे में अगले पोस्ट में बताया जायेगा|

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Vinod Nishad

मै विनोद निषाद इस ब्लॉग का फाउंडर हूँ| मुझे अलग अलग चीजो के बारे में लिखना और उन्हें आप तक पहूँचाने में रूचि है, मै करीब पिछले एक साल से कंटेंट राइटिंग कर रहा हूँ| मेरे द्वारा लिखा गया कंटेंट आपको कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये|

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